Thursday, August 25, 2022

50.सूनापन

 कुछ बातें करते हैं खुशबू की

कुछ मौसम की कुछ पत्तों की
ये डर ये मनहूसियत की बातें
ये ख़ौफ़, ये आसेब-ए-बज़्म
कुछ रज़ा मर्म बचा रखा अब तक
तेरे होने का शायद सुराग मिल जाये

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